हाई बीपी से जुड़े इन 4 मिथक की यह है असलियत

हाई बीपी से जुड़े इन 4 मिथक की यह है असलियत

सेहतराग टीम

भागती दौड़ती जिंदगी में हमारे शरीर में कई तरह के रोग होते हैं जिन्हें हम कई बार नजर अंदाज कर देते हैं। वहीं आगे चल कर कभी-कभी खातक और जानलेवा भी हो जाते हैं। उन्ही में एक है उच्च रक्तचाप जिसे हम हाइपरटेंशन कहते हैं। यह ज्यादा तनाव लेने और ज्यादा सोचने से होता है और वास्तव में यह काफी घातक होता है। यह इतना खतरनाक होता है कि अगर इसका समय पर इलाज न हो तो यह ह्दय और स्ट्रोक जैसी समस्याओं को पैदा कर सकता है, जो जानलेवा होती है। आपको बता दे कि उच्च रक्तचाप को रक्त वाहिकाओं में उच्च रक्तदबाव के रूप में परिभाषित किया गया है, यह हृदय से शरीर के बाकी हिस्सों तक रक्त ले जाते हैं। यदि धमनियों में रक्तचाप 130/80 mmHg से अधिक है, तो स्थिति को उच्च रक्तचाप कहा जाता है। यह वास्तव में एक गंभीर समस्या है। अमूमन लोग इससे जुड़े कई मिथक पर भरोसा करते हैं। तो चलिए आज हम आपको ऐसे ही कुछ मिथ्स के बारे में बता रहे हैं, जिन पर लोग अब तक भरोसा करते आए हैं, लेकिन वास्तव में यह गलत हैं।

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  • मिथक 1 - उच्च रक्तचाप एक आम समस्या है और इसके लिए बहुत अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है।

तथ्य - यकीनन आज के लाइफस्टाइल के चलते उच्च रक्तचाप एक आम समस्या बनती जा रही है, लेकिन इस पर पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए। यदि इसे अनियंत्रित छोड़ दिया जाता है, तो उच्च रक्तचाप गुर्दे, हृदय, रक्त वाहिकाओं सहित कई महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। इतना ही नहीं, इसके कारण व्यक्ति को अचानक दिल का दौरा या स्ट्रोक भी हो सकता है और इसके कारण उसकी जान भी जा सकती है। उच्च रक्तचाप की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इसके लक्षण जल्द नजर नहीं आते। यही कारण है कि उच्च रक्तचाप को अक्सर साइलेंट किलरकहा जाता है। इसलिए अगर एक बार उच्च रक्तचाप डायग्नोस नजर आए तो आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सतर्क होना चाहिए।

  • मिथक 2 - उच्च रक्तचाप को रोकना संभव नहीं है।

तथ्य - यह तथ्य सच होकर भी पूरी तरह सच नहीं है। यकीनन उच्च रक्तचाप का अभी तक कोई इलाज नहीं है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आप इसे रोक नहीं सकते या फिर इसे प्रबंधित नहीं किया जा सकता। अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखते हैं तो उच्च रक्तचाप की संभावना को कम कर सकते हैं। साथ ही उच्च रक्तचाप की समस्या होने पर उसे प्रबंधित भी किया जा सकता है। जैसे-

  1. एक स्वस्थ वजन बनाए रखें और एक एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाएं।
  2. नियमित रूप से कम से कम आधा घंटा व्यायाम करें और तनाव मुक्त जीवन जीने का प्रयास करें।
  3. एक संतुलित आहार जिसमें पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व हों। साथ ही उसमें नमक व सैचुरेटिड फैट की मात्रा कम हो, उच्च रक्तचाप को दूर रखता है।
  4. धूम्रपान छोड़ें और शराब के सेवन से बचें।
  5. इन सभी तरीकों को अपनाकर उच्च रक्तचाप को रोका जा सकता है।
  • मिथक 3 - उच्च रक्तचाप पुरुषों को अधिक प्रभावित करता है, जबकि महिलाएं इससे शायद ही कभी प्रभावित होती हैं।

तथ्य - आज के समय में लोग जिस तरह तनावपूर्ण और गतिहीन जीवन शैली अपना रहे हैं, उसके कारण अब उच्च रक्तचाप की समस्या महिलाओं व पुरूषों दोनों को समान रूप से प्रभावित कर सकता है। इतना ही नहीं, रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं को उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा अधिक होता है।

  • मिथक 4 - उच्च रक्तचाप अधिक उम्र के व्यक्तियों को ही होता है।

तथ्य - उच्च रक्तचाप को अक्सर गलती से एक जराचिकित्सा समस्या या बुजुर्गों के लिए एक स्वास्थ्य चिंता का विषय माना जाता है। लेकिन अब शोध यह बता रहे हैं कि उच्च रक्तचाप किसी भी व्यक्ति को कभी भी हो सकता है। एक गतिहीन जीवन जीने वाले युवा वयस्कों और अस्वस्थ जीवन शैली जीने के कारण उच्च रक्तचाप के विकास का खतरा अधिक होता है।

 

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